प्र०.१- संस्कार कितने होते हैं ?
उत्तर- संस्कार १६ (सोलह) होते हैं |
प्र०.२- प्रथम संस्कार कौन सा है ?
उत्तर- प्रथम संस्कार गर्भाधान संस्कार है |
प्र०.३- बच्चा माँ के गर्भ में कितने मास तक रहता है ?
उत्तर- दस (१०) मास तक |
प्र०.४- क्रमशः दस मास के स्वामी कौन-कौन से ग्रह हैं ?
उत्तर- शुक्र, मंगल, गुरु, रवि, चंद्रमा, शनि, बुद्ध, लग्नेश, चंद्रमा, सूर्य |
प्र०.५- ग्रहों में कौन-कौन से ग्रह ब्राह्मणादि वर्णों के स्वामी हैं ?
उत्तर- गुरु-शुक्र ब्राह्मणों के, मंगल-सूर्य क्षत्रियों के, चंद्रमा वैश्यों के, बुध शूद्रों के, शनि अन्त्यजों
(चांडालों) के स्वामी हैं |
प्र०.६- गुरु शुद्धि हेतु गुरु किन-किन स्थानों में शुभ होता है ?
उत्तर- गुरु जन्म राशि से ९, ५, ११, २, ७ स्थानों में सुभ होता है |
प्र०.७- गुरु शुद्धि हेतु गुरु किन-किन स्थानों में अशुभ होता है ?
उत्तर- गुरु जन्म राशि से ४, ८, १२, स्थानों में अशुभ होता है |
प्र०.८- ४, ८, १२ स्थानों में रहते हुए भी किन कारणों से सुभ हो जाता है ?
उत्तर- जब वह गुरु उच्च, त्रिकोण, मित्र क्षेत्री, वर्गोत्तम नवमांश, स्व नवमांश में हो तो शुभ होता है |
प्र०.९- सूर्य शुद्धि हेतु सूर्य किन-किन स्थानों में शुभ होता है ?
उत्तर- सूर्य जन्म राशि से ३, ६, १०, ११ स्थानों में सुभ होता है |
प्र०.१०- सूर्य शुद्धि हेतु सूर्य किन-किन स्थानों में अशुभ होता है ?
उत्तर- सूर्य जन्म राशि से ४, ८, १२, स्थानों में अशुभ होता है |प्र०.११- चन्द्र शुद्धि हेतु चन्द्र किन-किन
स्थानों में शुभ होता है ?
उत्तर- चन्द्र जन्म राशि से १, २, ३, ६, ७, ९, १०,११ स्थानों में सुभ होता है |
प्र०.१२- चन्द्र शुद्धि हेतु चन्द्र किन-किन स्थानों में अशुभ होता है ?
उत्तर- चन्द्र जन्म राशि से ४, ८, १० स्थानों में अशुभ होता है |
प्र०.१३- ब्राह्मणों का यग्योंपवीत किस वर्ष में किया जाता है ?
उत्तर- ५ वें या ८ वें वर्ष में |
प्र०.१४- क्षत्रियों का यग्योंपवीत किस वर्ष में किया जाता है ?
उत्तर- ६ वें या ११ वें वर्ष में |
प्र०.१५- वैश्यों का यग्योंपवीत किस वर्ष में किया जाता है ?
उत्तर- ८ वें या १२ वें वर्ष में |
प्र०.१६- गुरु शुक्र के अस्त होने पर क्या नहीं करना चाहिए ?
उत्तर- समस्त सुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, वर्तबंध, आदि नहीं करना चाहिए |
प्र०.१७- विवाह हेतु कुंडली मिलान में कितने गुण माने गए है ?
उत्तर- ३६ गुण माने गए है |
प्र०.१८- मिलान हेतु कितने कूट है ?
उत्तर- मिलान हेतु ०८ (अष्ट) कूट माने गए है |
प्र०.१९- अष्ट कूटों के नाम क्या-क्या है ?
उत्तर- अष्ट कूटों के नाम- वर्ण, वश्य, तारा, योनी, ग्रहमैत्री, गण मैत्री, भकूट, नाडी है |
प्र०.२०- सूर्य के मित्र कौन-कौन से है ?
उत्तर- सूर्य के मित्र ग्रह- मंगल, गुरु, चन्द्र है |
प्र०.२१- भकूट क्या होता है व कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर- कन्या और वर की राशियाँ परस्पर ०६-०८ वीं, ०९-०५ वीं या ०२-१२ पड़े तो भकूट होता है व
ये दो प्रकार का होता है |
प्र०.२२- दो प्रकार के भकूट कौन-कौन से होते है ?
उत्तर- प्रथम मित्र भकूट, दूसरा शत्रु भकूट |
प्र०.२३- विवाह के लिए कौन सा भकूट सुभ होता है ?
उत्तर- विवाह के लिए मित्र भकूट सुभ होता है |
प्र०.२४- होरा क्या होती है ?
उत्तर- होरा का अर्थ है घंटा यानि ०२ घटी ३० पल= ०१ घंटा = ०१ होरा |
प्र०.२५- ०१ दिन-रात में कितनी होरायें होती है ?
उत्तर- ०१ दिन-रात में २४ होराएँ होती है |
प्र०.२६- होरा चक्र में किन-किन ग्रहों की होराएँ होती है ?
उत्तर- होराचक्र में केवल सूर्य और चन्द्र की होराएँ होती है |
प्र०.२७- गंडांत कितने प्रकार के होते है, और कौन-कौन से होते है ?
उत्तर- गंडांत तीन प्रकार के होते है- ०१ तिथि गंडांत, ०२- नक्षत्र गंडांत, ०३- लग्न गंडांत |
प्र०.२८- तिथि गंडांत किसको कहा जाता है ?
उत्तर- नंदा (०१-०६-११) व भद्रा (०५-०९-१५) तिथियों की प्रारम्भ की ०१ घटी (२४ मिनट) को तिथि गंडांत
कहा जाता है |
प्र०.२९- नक्षत्र गंडांत किसको कहा जाता है ?
उत्तर- जेष्ठा, रेवती, आश्लेषा की अंत की दो-दो घटी (४८ मिनट) व मूल, अश्वनी, मघा की शुरू की
दो-दो घटी (४८ मिनट) को नक्षत्र गंडांत कहा जाता है |
प्र०.३०- लग्न गंडांत किसे कहते है ?
उत्तर- कर्क, वृश्चिक, मीन की अंत की आधी घटी (१२ मिनट ) व सिंह, धनु, मेष की शुरू की आधी
घटी (१२ मिनट ) को लग्न गंडांत कहा जाता है |
उत्तर- संस्कार १६ (सोलह) होते हैं |
प्र०.२- प्रथम संस्कार कौन सा है ?
उत्तर- प्रथम संस्कार गर्भाधान संस्कार है |
प्र०.३- बच्चा माँ के गर्भ में कितने मास तक रहता है ?
उत्तर- दस (१०) मास तक |
प्र०.४- क्रमशः दस मास के स्वामी कौन-कौन से ग्रह हैं ?
उत्तर- शुक्र, मंगल, गुरु, रवि, चंद्रमा, शनि, बुद्ध, लग्नेश, चंद्रमा, सूर्य |
प्र०.५- ग्रहों में कौन-कौन से ग्रह ब्राह्मणादि वर्णों के स्वामी हैं ?
उत्तर- गुरु-शुक्र ब्राह्मणों के, मंगल-सूर्य क्षत्रियों के, चंद्रमा वैश्यों के, बुध शूद्रों के, शनि अन्त्यजों
(चांडालों) के स्वामी हैं |
प्र०.६- गुरु शुद्धि हेतु गुरु किन-किन स्थानों में शुभ होता है ?
उत्तर- गुरु जन्म राशि से ९, ५, ११, २, ७ स्थानों में सुभ होता है |
प्र०.७- गुरु शुद्धि हेतु गुरु किन-किन स्थानों में अशुभ होता है ?
उत्तर- गुरु जन्म राशि से ४, ८, १२, स्थानों में अशुभ होता है |
प्र०.८- ४, ८, १२ स्थानों में रहते हुए भी किन कारणों से सुभ हो जाता है ?
उत्तर- जब वह गुरु उच्च, त्रिकोण, मित्र क्षेत्री, वर्गोत्तम नवमांश, स्व नवमांश में हो तो शुभ होता है |
प्र०.९- सूर्य शुद्धि हेतु सूर्य किन-किन स्थानों में शुभ होता है ?
उत्तर- सूर्य जन्म राशि से ३, ६, १०, ११ स्थानों में सुभ होता है |
प्र०.१०- सूर्य शुद्धि हेतु सूर्य किन-किन स्थानों में अशुभ होता है ?
उत्तर- सूर्य जन्म राशि से ४, ८, १२, स्थानों में अशुभ होता है |प्र०.११- चन्द्र शुद्धि हेतु चन्द्र किन-किन
स्थानों में शुभ होता है ?
उत्तर- चन्द्र जन्म राशि से १, २, ३, ६, ७, ९, १०,११ स्थानों में सुभ होता है |
प्र०.१२- चन्द्र शुद्धि हेतु चन्द्र किन-किन स्थानों में अशुभ होता है ?
उत्तर- चन्द्र जन्म राशि से ४, ८, १० स्थानों में अशुभ होता है |
प्र०.१३- ब्राह्मणों का यग्योंपवीत किस वर्ष में किया जाता है ?
उत्तर- ५ वें या ८ वें वर्ष में |
प्र०.१४- क्षत्रियों का यग्योंपवीत किस वर्ष में किया जाता है ?
उत्तर- ६ वें या ११ वें वर्ष में |
प्र०.१५- वैश्यों का यग्योंपवीत किस वर्ष में किया जाता है ?
उत्तर- ८ वें या १२ वें वर्ष में |
प्र०.१६- गुरु शुक्र के अस्त होने पर क्या नहीं करना चाहिए ?
उत्तर- समस्त सुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, वर्तबंध, आदि नहीं करना चाहिए |
प्र०.१७- विवाह हेतु कुंडली मिलान में कितने गुण माने गए है ?
उत्तर- ३६ गुण माने गए है |
प्र०.१८- मिलान हेतु कितने कूट है ?
उत्तर- मिलान हेतु ०८ (अष्ट) कूट माने गए है |
प्र०.१९- अष्ट कूटों के नाम क्या-क्या है ?
उत्तर- अष्ट कूटों के नाम- वर्ण, वश्य, तारा, योनी, ग्रहमैत्री, गण मैत्री, भकूट, नाडी है |
प्र०.२०- सूर्य के मित्र कौन-कौन से है ?
उत्तर- सूर्य के मित्र ग्रह- मंगल, गुरु, चन्द्र है |
प्र०.२१- भकूट क्या होता है व कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर- कन्या और वर की राशियाँ परस्पर ०६-०८ वीं, ०९-०५ वीं या ०२-१२ पड़े तो भकूट होता है व
ये दो प्रकार का होता है |
प्र०.२२- दो प्रकार के भकूट कौन-कौन से होते है ?
उत्तर- प्रथम मित्र भकूट, दूसरा शत्रु भकूट |
प्र०.२३- विवाह के लिए कौन सा भकूट सुभ होता है ?
उत्तर- विवाह के लिए मित्र भकूट सुभ होता है |
प्र०.२४- होरा क्या होती है ?
उत्तर- होरा का अर्थ है घंटा यानि ०२ घटी ३० पल= ०१ घंटा = ०१ होरा |
प्र०.२५- ०१ दिन-रात में कितनी होरायें होती है ?
उत्तर- ०१ दिन-रात में २४ होराएँ होती है |
प्र०.२६- होरा चक्र में किन-किन ग्रहों की होराएँ होती है ?
उत्तर- होराचक्र में केवल सूर्य और चन्द्र की होराएँ होती है |
प्र०.२७- गंडांत कितने प्रकार के होते है, और कौन-कौन से होते है ?
उत्तर- गंडांत तीन प्रकार के होते है- ०१ तिथि गंडांत, ०२- नक्षत्र गंडांत, ०३- लग्न गंडांत |
प्र०.२८- तिथि गंडांत किसको कहा जाता है ?
उत्तर- नंदा (०१-०६-११) व भद्रा (०५-०९-१५) तिथियों की प्रारम्भ की ०१ घटी (२४ मिनट) को तिथि गंडांत
कहा जाता है |
प्र०.२९- नक्षत्र गंडांत किसको कहा जाता है ?
उत्तर- जेष्ठा, रेवती, आश्लेषा की अंत की दो-दो घटी (४८ मिनट) व मूल, अश्वनी, मघा की शुरू की
दो-दो घटी (४८ मिनट) को नक्षत्र गंडांत कहा जाता है |
प्र०.३०- लग्न गंडांत किसे कहते है ?
उत्तर- कर्क, वृश्चिक, मीन की अंत की आधी घटी (१२ मिनट ) व सिंह, धनु, मेष की शुरू की आधी
घटी (१२ मिनट ) को लग्न गंडांत कहा जाता है |
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